पूजन के बारे में

पूजा कुछ नही है किन्तु भगवान की आराधना है। आराधना का उद्देश्य भिन्न हो सकता है कुछ मोक्ष के लिये करते है कुछ धन्यवाद देने कें लिए करते है कुछ दैनिक व्यवहार के लिये करते है और परम्परा या कुछ डर को भगाने के लिये करते है।लेकिन हर एक पूजा कुछ पाने के लिये करते है।ग्रह नक्षत्रों भगवान की आराधना कुछ पाने के लिये और तारों के नकारात्मक असर से बचने के लिये करते है। वेद शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र ने कई पूजा और अनुष्ठान को प्रकाशित किया है जो ग्रह नक्षत्रो तारों के नकारात्मक असर को निकालता है। अगर ये पूजा व अनुष्ठान अच्छे सुशिक्षित वैदिक पंडितो से करवाये जाये तो इसके चमत्कारिक परिणाम मिलते है।

विभिन्न असरकारक पूजा और अनुष्ठान के लिए विवरण:-

  • व्यापार वृध्दि अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद): किसी विषेष भाग में व्यापार बढ़ाना जो व्यापार का निर्माण प्रगति एवं संस्थान की सफलता के लिये।
  • कामना पूर्ति अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद): निश्चित उत्पाद के लिये, प्रोजेक्ट की सफलता उसकी समय सिमा को ध्यान में रखते हुए जो भी उपलब्ध हो।
  • आजो बालम अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद): ज्ञान को बढ़ाने के लिये संस्था के सभी भागो की समता बढ़ाने के लिए पूरी संस्था की एकाग्रता त्-क् डाजएैंसमे बढाने के लिए। और यह अनुष्ठान बाकी संस्था की सफलता के लिए मदद करता है।
  • रक्षा कवच अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद):प्रतियोगी का डर दूसरी समस्याए कवनाष कानूनी मामलो में सुरक्षा व उपाय प्रदान करता है।
  • राज्य सेवा नियूक्ति एवं निरंतरता प्राप्ति अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद):ज्ञानी,समर्पित, लायक और जिम्मेदार व्यक्ति को नौकरी प्राप्त करने के लिये जो संस्थान को लगातार उनकी सेवाएं देते रहे।
  • धन प्रपर्ण नाम (शेयर) लाभ प्राप्ति अनुष्ठान (अथर्व/यजुर्वेद)शेयर में अनुपूरित फायदे के लिए, वित्तिय मामलो में लाभ के लिए एवं कार्पोरेट जगत मैं प्रतिष्ठा के लिये।
  • नवग्रह अक्षत कुण्डली अनुष्ठान (यजू/रिगवेद)सभी विभागों मैं सफलता अर्जित करने के लिए |

नवग्रह वैदिक अनुष्ठान का विवरण: 
ये नवग्रह वैदिक अनुष्ठान वेदिक मामलो पर आधारित है जो विषिष्ठ आकृत्ति के मुहुरत पर आधारित है। अनुष्ठान मैं पवित्र सामग्री का उपयोग किया जाता है एवं ये उज्जैन मैं या व्यापार स्थल एवं निजी स्थान पर सम्पन्न कराये जाते है |

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