ज्योतिष समाधान
भारतीय वैदिक ज्योतिष शास्त्र वर्तमान जीवन का प्रतिदिन का हिस्सा बन गया है ज्योतिष शास्त्र की गाइड लाइन प्रतिदिन का विचार विषय बन गया है। जबकि वैदिक ज्योतिषशास्त्र का सिद्धि रुप प्रतिपादन उपयोगिता में हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार वेदों के विशिष्ट वैदिक मंत्रो को नवग्रह वैदिक अनुष्ठान के लिए उपयोग किया जाता हैं। प्राचीन समय में हमारे ऋषि मुनि विशिष्ठ अनुष्ठान पूजा के लिये इन्ही वेद मंत्रो का प्रयोग करते थे। उससे यजमान (पूजा/अनुष्ठान प्रतिपादन करने वाले) को लाभ होता है। जो इसके लिए इच्छा रखते थे।
अर्थात जन्म कुण्डली सिर्फ भविष्यफल जानने रत्न आदि धारण करने के शास्त्र से ही सम्बधित नही है। जन्म कुण्डली का सही अर्थ एवं इसमें स्थित ग्रहयोगो से लाभ सिर्फ नवग्रह वैदिक अनुष्ठानों के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। जिस प्रकार चिकित्सा विज्ञान में किसी रिपोर्ट के आधार पर शल्य क्रिया की जारी है। उसी प्रकार जन्मकुण्डली एव प्रकार की रिपोर्ट कार्ड है। जिसके आधार पर नवग्रह वैदिक अनुष्ठान किऐ जाते है।
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