उज्जैन दर्शन

आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा,अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया है।

उज्जैन, विक्रमादित्य की अवंतिका जिसकी रक्षा कालों के काल महाकाल करते हैं। इस नगर को मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी की उपाधि प्राप्त है। शहर की हर गली, हर मोड़, चौराहे पर एक सुंदर मंदिर नजर आता है। उज्जैन को प्राचीनकाल में अंवति, अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, नंदनी, अमरावती, कनकश्रृंगा, पद्मावती, प्रतिकल्पा, चूड़ामणि आदि नामों से जाना जाता था।

देव नगरी उज्जयिनी

श्री महाकालेश्वर मंदिर

सिंहस्थ कुम्भ

श्री हरसिद्धि मंदिर

श्री गढकालिका देवी मंदिर

श्री कालभैरव मंदिर

श्री अंगारेश्वर महादेव

श्री सिद्धवट मंदिर(सिद्धनाथ घाट)

शिप्रा नदी

राजा भर्तृहरि गुफा

श्री गोपाल मंदिर

श्री सांदीपनी आश्रम

श्री चिंतामन गणेश मंदिर

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